दो तरह के लोग. एक, जो है जैसा है, उसी में मगन. मगन भी नहीं. गले तक डूबे और उलझे. सुध-बुध बिसार काठी घसीटने में लगे. दूसरे वे जो जानना चाहते हैं कि क्या है ये सब. दुनिया, जिंदगी, लोग, रिश्ते. मगर इस दूसरे तरह के लोग भी दो कोष्ठकों में बंटे हैं. एक, जो पोथी पढ़-पढ़ जग बिचारते हैं. ये ज्ञानी कहलाते हैं. दूसरे वे जो पोथी किनारे रख और हौसले को पोटली में बांध जग में बिचरते हैं. इन्हें मनमौजी, फक्कड़, समझदार, जोगी, संत कहते हैं. ऐसे ही दो घुमंतू जोगियों का रोजनामचा है ‘द हीट एंड डस्ट प्रोजेक्ट’.
500 रुपये रोज में देश घूमते पति-पत्नी, Aaj Tak, June 23, 2015 by Kuldeep Mishra
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